तहसीलदार रहते समय पच्चीस साल पहले रामनरेश पाठक पर हए हमले के मामले में आठ अभियुक्तों को पांच-पांच साल की सजा
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:-
सेवा निवृत्त प्रशासनिक अधिकारी रामनरेश पाठक(आरएन पाठक) जिले में नायब तहसीलदार, तहसीलदार व एसडीएम सदर के पद पर अपनी सेवा दे चुके हैं। पच्चीस साल पहले जब वह निचलौल के तहसीलदार पद पर कार्यरत थे। उस समय मिठौरा में उनके उपर हमला हुआ था। उनकी तहरीर पर केस दर्ज कर निचलौल पुलिस चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी। उसी मामले में सुनवाई के बाद एडीजे तृतीय/विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट पवन कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने एक महिला समेत आठ अभियुक्तों को दोषी करार दिया।सभी को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। अर्थदंड भी लगाया है।
पत्रावली में दर्ज साक्ष्यों के मुताबिक मामला निचलौल थाना क्षेत्र के मिठौरा गांव का है। वर्ष 1997 को मिठौरा गांव के एक व्यक्ति ने गांव के राजकीय भूमि खलिहान पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा का आरोप लगाया था। तत्कालीन डीएम ने प्रकरण में निचलौल के एसडीएम को कार्रवाई का निर्देश दिया। एसडीएम ने तत्कालीन निचलौल के तहसीलदार राम नरेश पाठक को कब्जा हटाने का निर्देश दिया। तत्कालीन तहसीलदार राम नरेश पाठक, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल व पुलिस कर्मियों के साथ मिठौरा में खलिहान की भूमि से कब्जा हटाने पहुंचे। वहां आरोपित ने गोलबंदी कर तहसीलदार व राजस्व टीम पर हमला बोल दिया। उस घटना में वह घायल हो गए। तहसीलदार की तहरीर पर निचलौल पुलिस ने नौ आरोपितों के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 307, 336, 352, 353, 323, 504, 506 आईपीसी व 7 सीएलए के तहत केस किया। विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। ट्रायल के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी ने गवाहों की गवाही कराई। मुकदमा के दौरान एक आरोपित की मौत हो गई। इस मामले में एडीजे तृतीय/विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट पवन कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने मिठौरा निवासी मोबीन, शब्बीर, शमशेर, मुस्लिम, इसराइल, मिकाइल, मुर्सलिम, हजरून निशा को पत्रावली में दर्ज साक्ष्य व सबूतों एवं गवाहों की गवाही के आधार पर दोषी करार दिया।इन सभी को पांच-पांच साल की सजा व अर्थदंड से दंडित किया।
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